तारीफ़ के लायक लफ्जों की कभी कभी कमी पड़ जाती है................
6.
भारतीय राजनेताओ से खासी चिढ, वैसे भी तारीफ़ के लायक तो कोई काम किए नही ये लोग।
7.
भारतीय राजनेताओ से खासी चिढ, वैसे भी तारीफ़ के लायक तो कोई काम किए नही ये लोग।
8.
इस खानदान के लोगो! तुम पर तो अल्लाह की रहमत और इसकी बरकतें हैं.बेशक वह तारीफ़ के लायक बड़ी शान वाला है.
9.
अपने बारे में हर कोई तारीफ़ करता है मगर उस तारीफ़ के लायक कौन है, यह तो आप ही बता सकते हैं...
10.
“सूरज आदतन फिर छेड़ गया है ज़िस्म की साँसें आज फिर भीतर की आग जन्म देगी इक नज़्म को.....!!” आपकी नज़्मों में तारीफ़ के लायक हिस्से चुनना बड़ी मशक्कत का काम है क्योंकि हर हर्फ़ काबिल-ए-तारीफ़ होता है।